Ameen Sayani : रेडियो की वो आवाज जिसे सुनने के लिए सूनी हो जाती थी सड़कें। सुपरहिट था गीतमाला…

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By informbharat.com

अपने दौर के सुपरहिट रेडियो कार्यक्रम, बिनाका गीतमाला के प्रस्तोता AMEEN SAYANI नहीं रहे। 92 वर्ष की आयु मे रेडियो जगत की सबसे चर्चित आवाज खामोश हो गई। आइये जानते हैं AMEEN SAYANI को।

मेरी आवाज ही पहचान है

Ameen Sayani

“मेरी आवाज ही पहचान है”…यूं लगता है गीतकार गुलजार जब ये गीत लिख रहे थे, उनकी कलम की स्याही में अमीन सयानी का नाम घुला रहा होगा। अमीन सयानी, वो आवाज हैं, जिनकी दीवानगी ने दशकों तक रेडियो सुनने वालों को अपनी कैद में रखा। टेलीविज़न पर रामायण और रेडियो पर गीतमाला ने दर्शकों और श्रोताओं का जितना प्रेम पाया, उसे कोई दोहरा नहीं पाया। जैसे रामायण के प्रसारण के समय कर्फ्यू सा लग जाता था, वैसे ही बुधवार शाम होती थी, इंतजार होने लगता था गीतमाला का और प्रसारण के समय सूनी हो जाती थीं सड़कें।

न बिसार पाएंगे वो आवाज, वो अंदाज..

Ameen Sayani


अमीन सयानी के बोलने के अंदाज और उनकी आवाज ने लोगों को दिल में और रेडियो में काम करने वालों के सिलेबस में वो जगह बनाई है कि जब-जब रेडियो का जिक्र होता है, उनके बिना पूरा नहीं होता। ऐसी आवाज, जिसने न जाने कितने रेडियो जॉकी को बोलने का अंदाज दिया। उनके निधन की खबर ने आवाज की दुनिया को उदास कर दिया है।

हस्ताक्षर छोड़ गया सितारा..

Ameen Sayani


अमीन सयानी के साथ निधन के साथ ही रेडियो जगत का एक सितारा टूट गया है। लेकिन उनकी आवाज और अंदाज वो स्वर्णिम हस्ताक्षर हैं, जिनकी चमक स्टूडियो को रोशन करती रहेगी। जब भी कोई आकाशवाणी के किसी केंद्र में माइक थामेगा, सयानी साहब की स्टाइल सीखेगा जरूर।

दिल में बसने वाले Ameen Sayani को पड़ा था दिल का दौरा..


लाखों चाहने वालों के दिन में बसे अमीन सयानी का निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ। उनक मखमली आवाज के दीवाने भारत ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी थे। उनके, बहनों और भाइयों…कहने के अंदाज के ही लाखों लोग दीवाने थे। उनके प्रशंसकों के साथ ही बड़े बॉलीवुड कलाकार भी उनके इस अंदाज को कॉपी करने की कोशिश करते थे। रेडियो में काम करने वाले नए-नए लोग उनसे भाषा, शैली और प्रेजेंटेशन सीखा करते थे। वो तो आज भी आवाज की दुनिया में काम करने वाले लोगों के लिए किसी विद्यालय से कम नहीं हैं।

Ameen Sayani : पद्मश्री से हुए थे सम्मानित..

Ameen Sayani

अमीन सयानी की रेडियो से पहचान उनके भाई ने कराई थी। उन्होंने लगभग 54 हजार रेडियो प्रोग्राम प्रोड्यूस और कंपेयर किए थे। इसके साथ ही 19 हजार जिंगल भी रिकॉर्ड किए हैं। उनके अंदाज को हर उम्र और हर तबके के लोगों ने पसंद किया। आज भी रेडियो जॉकी उनके अंदाज की नकल करना चाहते हैं। भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था।

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