क्या आपने Stock Market Automation के बारे में सुना है? इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे की कैसे आप Algorithmic Trading के माध्यम से अपने ट्रेडिंग डिसिजन्स को पूरी तरह से ऑटो-पायलट मोड में डाल कर Stock Market Automation कर सकते हैं?
Stock Market Automation कैसे काम करता है-
- आप किसी विशिष्ट ट्रेडिंग रणनीति के आधार पर एक या एक से अधिक एल्गोरिदम का चुनाव करते हैं। ये एल्गोरिदम शेयर प्राइज़ और ट्रेड वॉल्यूम पर आधारित तकनीकी विश्लेषण पर आधारित होते हैं। इन एल्गोरिदम मे वित्त जगत, इंडस्ट्री और कंपनी से जुड़े समाचारों के विश्लेषण करने के लिए डाटा आधारित मॉडल भी शामिल होते हैं।
- इन एल्गोरिदम मे बाजार संकेतकों के आधार पर शेयरों की खरीदी एवं विक्रय के लिए ट्रेड नियमों को परिभाषित किया जाता है।
- एल्गोरिदम रियल टाइम मे बाजार डेटा का निरंतर विश्लेषण करता रहता है।
- जब एल्गोरिदम मे सेट की गईं शर्तें पूरी होती हैं, तो एल्गोरिदम किसी अधिकृत ब्रोकर के माध्यम से शेयर खरीदने या बेचने के लिए स्वचालित रूप से ऑर्डर प्लेस कर देता है।
- शेयर संबंधी डाटा के संग्रहण, विश्लेषण और ऑर्डर प्लेस करने की यह पूरी प्रक्रिया चंद मिलीसेकंड में पूरी हो जाती है।
Algorithmic Trading क्या है?
Algorithmic Trading कंप्यूटर प्रोग्राम्स पर आधारित एक ऐसी ट्रेडिंग विधा है जो पूर्व-निर्धारित निर्देशों और गणितीय मॉडलों के आधार पर ट्रेडिंग निर्णयों को automate करती है। ये कंप्यूटर प्रोग्राम्स दरअसल गणितीय मॉडल हैं जो शेयर बाजार के डाटा का विश्लेषण कर विकसित किए जाते हैं। इन गणितीय मॉडल्स को एल्गोरिदम कहा जाता है। एक सामान्य निवेशक का मस्तिष्क सीमित समय मे शेयर बाजार मे उपलब्ध विशाल डाटा का विश्लेषण करने की क्षमता नहीं रखता और शेयर बाजार मे उपलब्द्ध अवसरों का पूरा लाभ उठाने से वंचित रह जाता है। एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग मे निवेश संबंधी जटिल से जटिल निर्णय गणितीय गणनाओं के आधार पर पलक झपकते ही लिए जा सकते हैं।
Stock Market Automation के फायदे :
- गति और दक्षता : एल्गोरिदम ट्रेडिंग बिजली की गति से ट्रेडों को निष्पादित कर सकते हैं, जिससे बाजार में उपलब्ध ऐसे अवसरों को भी भुनाना संभव हो पाता है जो महज कुछ क्षणों के लिए ही उपलब्ध होते हैं।
- भावनात्मक फैसलों से छुटकारा : एल्गोरिदम ट्रेडिंग डर और लालच जैसी मानवीय भावनाओं से मुक्त होते हैं, जिससे आपकी शेयर ट्रेडिंग की प्रक्रिया अधिक अनुशासित हो जाती है।
- बैकटेस्टिंग और इंप्रुवाइजेशन : शेयर मार्केट में धन लगाने से पहले आप डमी इनवेस्टमेंट के माध्यम से अपने एल्गोरिदम का परीक्षण भी कर सकते हैं और उसे और परिष्कृत भी कर सकते हैं।
- 24/7 ट्रेडिंग: एल्गोरिदम ट्रेडिंग एक सतत ट्रेडिंग प्रक्रिया है। ये कम्यूटर प्रोग्राम चौबीसों घंटे शेयरों की खरीदी-बिकवाली संबंधी निर्णय ले कर ऑर्डर प्लेस करते रहते हैं।
Stock Market Automation की खामियाँ :
- तकनीकी जटिलता: प्रभावी एल्गोरिदम विकसित करने और इसे निरंतर निखारते रहने के लिए प्रोग्रामिंग कौशल और वित्तीय ज्ञान की आवश्यकता होती है।
- लागत: एक उच्च कोटी की एल्गोरिदम ट्रेडिंग प्लेटफार्म और बाजार डेटा की सतत उपलब्धता के लिए प्रारम्भिक कीमत चुकानी पड़ सकती है।
- ब्लैक बॉक्स जोखिम: जटिल एल्गोरिदम अपारदर्शी हो सकते हैं, जिससे उनकी कार्यशैली और त्रुटियों की संभावनाओं को समझना मुश्किल हो जाता है।
- बाजार पर पड़ने वाले प्रभाव: एल्गोरिदम ट्रेडिंग के कारण हर पल शेयरों की तेज खरीद-बिकवाली के कारण बाजार अस्थिर हो सकता है।
क्या Algorithmic Trading के जरिये Stock Market Automation
आपके लिए सही है?
एल्गोरिदम ट्रेडिंग में हाथ आजमाने से पहले, अपनी जोखिम लेने की क्षमता, वित्तीय संसाधनों की उपलब्ध्ता और तकनीकी विशेषज्ञता का सावधानीपूर्वक आकलन कर लें। अगर आपको शेयर बाजार में पूंजी निवेश का व्यापक अनुभव नहीं है तो पहले सरल रणनीतियों और पेपर ट्रेडिंग से शुरुआत करना ही उचित होगा। याद रखें, एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग कोई जादू की छड़ी नहीं बल्कि एक ऐसी विधा है जिसमें रेगुलर मॉनिटरिंग और बदलते हुए मार्केट कंडीशन के अनुरूप एल्गोरिदम को ढालना जरूरी है।
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